
रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिकी राजनीति में अचानक मौसम बदल गया है — और बादल नहीं, इस बार “पेपर टाइगर” उड़ रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप, जो पहले तक रूस के मुद्दे पर संकोच और संतुलन बनाए हुए थे, अब एकदम बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि रूस अब कोई रीयल थ्रेट नहीं, बल्कि एक “पेपर टाइगर” है — यानी दिखने में खतरनाक, असल में फुस्स!
“यूक्रेन अपनी ज़मीन वापस ले सकता है” — ट्रंप का नया अवतार
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर डाला एक पॉस्टी — जिसमें उन्होंने कहा कि यूरोप, NATO और रूस की डगमगाती अर्थव्यवस्था के चलते अब यूक्रेन अपनी मूल सीमाएं फिर से पा सकता है।
“मैंने जब रूस और यूक्रेन की मिलिट्री व इकनॉमिक कंडीशन ठीक से पढ़ ली, तब मेरी सोच बदली।”
— डोनाल्ड ट्रंप (2025 वर्जन)
ज़ेलेंस्की का जवाब- “भाई, ये कब हुआ?”
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की पहले थोड़ा चौंके — फिर बोले कि ट्रंप का नया रुख़ एक “सकारात्मक संकेत” है।
हालांकि उन्होंने क्लियर कर दिया, “मैं झूठ नहीं बोलना चाहता, कोई ठोस जानकारी नहीं है। लेकिन शायद अब हमें और ड्रोन और एयर डिफेंस मिले।”
(शायद उन्होंने यह भी सोचा हो — “अब बोलो, जब बाज़ार में ऑफ सीजन चल रहा है!”)

NATO से ट्रंप की अपील: “उड़ते टाइगर को गिराओ”
ट्रंप ने अपने यूएन भाषण में ये भी कह दिया कि अगर कोई रूसी विमान NATO एरिया में घुसता है, तो उसे गिरा देना चाहिए। संदेश साफ़ था — अब “पेपर टाइगर” से डरने की ज़रूरत नहीं।
(मतलब ये कि पहले जहां ट्रंप कहते थे “बात करो”, अब कह रहे हैं “ड्रोन मारो”!)
इतिहास की rewind: ट्रंप पहले क्या कहते थे?
पहले ट्रंप ये मानते थे कि यूक्रेन को कुछ इलाक़े छोड़कर युद्ध खत्म करना चाहिए। अब कह रहे हैं, “पूरा ले लो!” यानि सियासत में भी प्लॉट ट्विस्ट आते हैं — और ये वाले ट्रंप वर्जन में स्क्रिप्ट राइटर शायद Netflix से आए हैं!
ट्रंप की सोच में “पेपर का प्रेशर”
राजनीति में बदलाव कोई नई बात नहीं, लेकिन “पेपर टाइगर” का टैग रूस जैसे देश को देना — वो भी ज़ेलेंस्की के साथ मीटिंग के बाद — एकदम से कहानी में ट्विस्ट डाल देता है।
देसाई इज़ बैक! बुकर की रेस में ‘सोनिया-सनी’ संग जबरदस्त एंट्री